देखरेख, संरक्षण व आवश्कता के बच्चों को मिलेगा स्पांसरशिप योजना का लाभ 

3 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को मिलेगा प्रति माह 4000 रुपये

वर्तमान में बस्तर जिला से 42 बच्चों को मिल रहा स्पांसशिप का लाभ

जगदलपुर। केंद्र व प्रदेश सरकार की लाभार्थी योजना (स्पांसरशिप) इससे वे लोग, जो योजना के पात्र हैं, उन्हें मदद मिलती है। सरकार की ओर से देखरेख, संरक्षण व आवश्कता के बच्चों के लिए संचालित स्पांसरशिप योजना जैसी अनूठी पहल की गईं हैं।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पाणिग्राही ने बताया कि जिंदगी कई बार कठिन परीक्षा लेती है। इसमें बचपन से ही संघर्ष भरे दिन शुरू हो जाते हैं। ऐसे ही समय से निपटने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकारें जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित करती हैं। ऐसे ही कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों की उचित देखभाल व उनकी अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार ने अनूठी पहल करते हुए स्पांसरशिप योजना लाई गई है। इसके तहत पात्र बच्चे 3 वर्ष से 18 वर्ष की आयु तक चार हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जा रही है। आवेदन करने के बाद पात्रता की जांच होती है और फिर लाभ मिलता है। स्पांसरशिप योजना सरकार की देखरेख, संरक्षण, एवं आवश्यकता वाले बच्चों के लिए अति महत्वपूर्ण लाभार्थी योजना है। इसमें आवेदन के बाद जांच कराई जाती है। जांच के दौरान आवेदन में प्रस्तुत तथ्यों व कागजातों का परीक्षण किया जाता है। इसके बाद योजना के पात्रों को लाभ मिलता है। किसी तरह की गलत जानकारी पर आवेदन निरस्त कर अपात्र घोषित किया जाता है।

ये हैं योजना के लिए पात्र

• वे बच्चे, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई हो, मां तलाकशुदा या परिवार से अलग हो गई हो।

• जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक गंभीर अथवा जानेलवा बीमारी से ग्रसित हों।

• ऐसे बच्चे, जो बेघर हैं, निराश्रित हैं या विस्थापित परिवार के साथ रह रहे हैं।

• जो कानून से संघर्षरत हैं, जिन्हें बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया हो।

• ऐसे बच्चे जो किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार हों, दिव्यांग, लापता या घर से भागे हुए हैं।

• जिनके माता-पिता या उनमें से एक कारागार में निरुद्ध हैं या एचआइवी एड्स से ग्रसित बच्चे

• जिन बच्चों के माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल में असमर्थ हों।

• वे बच्चे, जिनको सहायता एवं पुनर्वास की आवश्यकता हो।

• जो बच्चे फुटपाथ पर जीवनयापन कर रहे, प्रताड़ित, उत्पीड़ित या शोषित हों।

अभिभावक की आय सीमा

• ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 72 हजार रुपये वार्षिक

• शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 96 हजार रुपये वार्षिक

माता-पिता या अभिभावक व बच्चे का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र (तहसीलदार द्वारा जारी किया गया), जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण पत्र, शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र। आवेदन पत्र कार्यालय बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण इकाई जगदलपुर में जमा करा सकते हैं।

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