
मुर्गेश शेट्टी,बीजापुर – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम के तहत समर्पित संस्था द्वारा भैरमगढ़ ब्लॉक के पंचायत भवन, केशकुतुल में सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों, वित्तीय योजनाओं और बैंकिंग प्रणाली की पारदर्शिता के प्रति जागरूक करना था
बैंक उपभोक्ताओं को दी गई जागरूकता की सीख
कार्यशाला में स्थानीय ग्रामीणों और स्व-सहायता समूह (SHG) की महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण और विषय परिचय से हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में जिला लीड बैंक मैनेजर श्री विनोद कुमार खलखो, स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक श्री विवेक भांडिल्य, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक श्री मोहनीश, और सी.आर.जी.बी. बैंक के शाखा प्रबंधक श्री सरंत साहू उपस्थित रहे।

अपने उद्बोधन में श्री विनोद कुमार खलखो ने कहा कि वर्तमान समय में वित्तीय शिक्षा हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता बन गई है। उन्होंने कहा, “सही वित्तीय समझ से व्यक्ति न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकता है, बल्कि धोखाधड़ी और ठगी से भी बच सकता है। बैंक उपभोक्ताओं को अपने खाते और निवेश की पूरी जानकारी रखना उनका अधिकार है, और यदि बैंक प्रबंधन आवश्यक जानकारी देने में असफल रहता है, तो जमाकर्ता को बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करना चाहिए।”
समर्पित संस्था के प्रयासों की सराहना
कार्यक्रम में समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने इस जागरूकता अभियान की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उपभोक्ताओं को ठगी और फर्जी योजनाओं से बचाने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि चिटफंड कंपनियां, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और एटीएम फ्रॉड जैसे मामलों में लोग सबसे ज्यादा इसलिए फंसते हैं क्योंकि वे अपने वित्तीय अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति अनभिज्ञ रहते हैं।

डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि देशभर में इस कार्यक्रम के संचालन के लिए केवल 20 संस्थाओं का चयन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ से समर्पित संस्था को ही यह जिम्मेदारी दी गई है। यह राज्य के लिए गौरव की बात है।
महिलाओं की विशेष भागीदारी
कार्यशाला में ग्राम की स्व-सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। डॉ. शर्मा ने कहा कि यदि महिलाएं वित्तीय शिक्षा से जुड़ती हैं, तो इसका असर पूरे परिवार और समाज पर सकारात्मक रूप से पड़ता है। उन्होंने महिलाओं को बचत, निवेश और डिजिटल लेनदेन के सुरक्षित तरीकों की जानकारी देने पर विशेष जोर दिया।
कार्यशाला का संचालन मास्टर ट्रेनर श्री हितेश मिश्रा और कार्तिक बांधेकर ने किया। श्री मिश्रा ने उपस्थित लोगों को बैंक खाता खोलने की सही प्रक्रिया, बचत योजनाओं की महत्ता, वित्तीय प्रबंधन, के.वाई.सी. की भूमिका, बैंक ऋण लेने की शर्तें और उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि चिटफंड कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) की पहचान कैसे की जाए और उनसे बचने के क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं। साथ ही उन्होंने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और नोटबंदी के संभावित सकारात्मक परिणामों पर भी विस्तार से चर्चा की।
टीम का सहयोग और कार्यक्रम की सफलता
कार्यक्रम की सफलता में समर्पित संस्था के समन्वयक पी.एल. खैरवार, निमेष साहू, विनोद काका, बसंत मोरला, मनीषा बीनाबोइना और पार्वती यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संस्था के समन्वयक पी.एल. खैरवार ने बताया कि यह कार्यशाला ग्रामीणों में बैंकिंग जागरूकता का एक सशक्त माध्यम साबित हुई।
समर्पित संस्था ने घोषणा की कि इस प्रकार की जागरूकता कार्यशालाएं जिले के अन्य ब्लॉकों और गांवों में भी आयोजित की जाएंगी। संस्था का लक्ष्य है कि वित्तीय साक्षरता हर परिवार तक पहुंचे और कोई भी व्यक्ति वित्तीय ठगी का शिकार न हो।



